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रक्तदान

हरेक दूसरे सेकेण्ड में किसी न किसी को खून की आवश्‍यकता होती है। आपका खून एक समय में एक से अधिक जिंदगियाँ बचाने में सहायता करता है। दुर्घटनाग्रस्‍त, पीड़ित, अविकसित बच्‍चे, जटिल ऑपरेशन से गुजर रहे मरीजों को पूरे खून की आवश्‍यकता होती है, जहाँ जाँच के बाद आपका खून प्रत्‍यक्ष तौर पर इस्‍तेमाल होता है। मानसिक आघात, रक्त की कमी और अन्‍य शल्य चिकित्सा के लिए मरीजों को केवल लाल रक्‍त कणिकाओं की आवश्‍यकता होती है जो आपके खून से अलग होती हैं।

रक्‍तदान के लिए सुझाव

  • रक्‍तदान करने से 3 घंटे पहले पौष्टिक भोजन लें।
  • रक्‍तदान के बाद दिये जाने वाले नाश्‍ते को स्‍वीकार करें क्‍यों आपका उसे लेना महत्‍वपूर्ण है। इसके बाद आपको अच्‍छे खाने की सलाह दी जाती है।
  • रक्‍तदान से पहले धूम्रपान न करें। रक्‍तदान के 3 घंटे बाद आप धूम्रपान कर सकते हैं।
  • यदि 48 घंटे पहले आपने एल्‍कोहल लिया हो तो आप रक्‍तदान करने के लिए योग्‍य नहीं होंगे।

रक्‍तदान के बारे में गलत धारणाएँ

  • ‘’रक्‍तदान के बाद मैं कमजोरी और थकान महसूस करूंगा’’- आप कमजोरी और थकान महसूस नहीं करेंगे यदि आप लगातार द्रव्‍य और अच्‍छा भोजन लेंगे।
  • ‘’मैं अपनी रोजमर्रा की गतिविधियाँ नहीं कर सकता’’- आप अपनी रोजमर्रा की गतिविधियाँ कर सकते हैं, यद्यपि आपको बचने की सलाह दी जाती है।
  • ‘’मेरा खून कम हो जाएगा’’- यदि डॉक्‍टर द्वारा आपको दान के लिए उपयुक्‍त ठहराया गया हो, तो रक्‍तदान के बाद भी आपका खून अधिक ही होगा।
  • ‘’मैं शराब नहीं ले सकता’’- आप अगले दिन ले सकते हैं।
  • ‘’रक्‍तदान करना दर्दनाक होगा’’- नहीं, आप दर्द महसूस नहीं करेंगे।
  • ‘’मैं बे‍होशी महसूस करूंगा’’- रक्‍तदान के बाद न तो आप बेहोशी महसूस करेंगे और न ही असहजता।
  • ‘’मुझे एड्स हो सकता है’’- नहीं, सुनिश्चित करें कि डिस्‍पोजेबल सिरिंज का इस्‍तेमाल हुआ हो और आपको कीटाणुमुक्‍त रखने के सभी उपाय अपनाएँ हों।
  • ‘’मेरा खून काफी आम है। मुझे नहीं लगता कि उसकी माँग होगी’’- इसीलिए आपके खून की मांग अन्‍य खून से अधिक होती है।

रक्‍त से जुड़े तथ्‍य

  • खून जीवन को बनाये रखने वाला द्रव्‍य है जो शरीर की धमनियों, हृदय और नसिकाओं में प्रवाहित होता रहता है।
  • खून के माध्‍यम से शरीर के भीतर पोषण, इलेक्‍ट्रोलाइट, हार्मोन, विटामिन, एंटीबॉडी, ऊष्‍मा और ऑक्‍सीजन पहुँचते हैं।
  • खून शरीर से अपशिष्‍ट तत्‍व और कार्बन डाई ऑक्‍साइड को निकालता है।
  • खून संक्रमण से लड़ता है और जख्‍मों को भरने में मदद करता है और इस तरह आपको स्‍वस्‍थ बनाये रखता है।
  • आपके शरीर के वजन का 70 फीसदी खून होता है।
  • एक नवजात के शरीर में करीब एक कप खून पाया जाता है।
  • शरीर में किसी भी किस्‍म के संक्रमण के खिलाफ सबसे पहला अवरोध श्‍वेत रक्‍त कणिकाएँ ही होती हैं।
  • ग्रेनुलोसाइट नामक श्‍वेत रक्‍त कणिकाएँ रक्‍त को‍शिकाओं की दीवारों के साथ तैरती हैं और विषाणु को खोज कर उन्‍हें नष्‍ट करती हैं।
  • लाल रक्‍त कणिकाएं शरीर के अंगों और कोशिकाओं तक ऑक्‍सीजन पहुँचाती हैं।
  • दो-तीन बूंद खून में करीब एक अरब लाल रक्‍त कणिकाएँ होती हैं।
  • रक्‍त प्रवाह तंत्र में लाल रक्‍त कणिकाएँ करीब 120 दिनों तक जिंदा रहती हैं।
  • प्‍लैटेलेट खून के जमने में मददगार होते हैं और ल्‍यूकेमिया व कैंसर के मरीजों को जीने का अवसर देते हैं।

देखें भारत ब्लड बैंक रक्त से जुड़े तथ्यों के बारे में ज्यादा जानने के लिए

रक्‍तदान क्‍यों करें?

खून वह सजीव द्रव्‍य है जिसपर सारा जीवन टिका होता है। इसका 60 फीसदी द्रव्‍य और 40 फीसदी ठोस होता है। द्रव्‍य को प्‍लाज्‍मा कहते हैं जिसमें 90 फीसदी पानी और 10 फीसदी पोषक तत्‍व, हार्मोन इत्‍यादि होते हैं और यह भोजन दवाओं आदि से काफी जल्‍दी बन जाता है। लेकिन खून का ठोस हिस्‍सा, जिसमें आरबीसी, डब्‍लूबीसी और प्‍लैटेलेट होते हैं, उसे दोबारा बनने में काफी वक्‍त लगता है।

यहीं पर आपकी भूमिका बनती है। जितना समय एक मरीज को इन तत्‍वों को वापस पाने में लगेगा, उसमें उसकी जान जा सकती है। कभी-कभार शरीर इन्‍हें वापस लाने की स्थिति में भी नहीं रहता।

आप जानते हैं कि खून पैदा नहीं किया जा सकता, सिर्फ उसका दान संभव है। यानी सिर्फ आप उस व्‍यक्ति को बचा सकते हैं जिसे खून की जरूरत है।

हर साल भारत को 250 सीसी खून के 4 करोड़ यूनिट की जरूरत होती है जिसमें से सिर्फ 500,000 यूनिट ही उपलब्‍ध है।

रक्त दान से जुड़ीं महत्वपूर्ण संस्थाओं की सूची

अन्य उपयोगी लिंक

स्त्रोत: भारत ब्लड बैंक

अंतिम बार संशोधित : 2/20/2023



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