क्या आपको और आपके बच्चे को पेट दर्द ‘या दस्त की शिकायत रहती हैं? वया आपका बच्चा क्लास में सबसे छोटे कद का है और अक्सर थकान महसूस करता है? क्या आपका लीवर ठीक काम नहीं का रहा है? क्या जरा सा मुड़ने पर आपके पैर की हड्डी टूट गई है?
क्या आप जानते हैं कि इन सबका एक सामान्य कारण हो सकता है सीलिएक रोग । यह गेहूं जौ राई, व ओट्स में पाये जाने वाले एक प्रोटीन(ग्लूटन) से होता है। Rye एक अनाज है जो भारत में बहुत कम इस्तेमाल होता है । (यह राई अथवा सरसों के बीज से अलग है) 10-१५ वर्ष पहले जिस बीमारी के बारे में सुना भी नहीं जाता था, आज अनुमान है कि करीब 50 लाख(लग भग1प्रतिशत ) लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं।
क्यों और कैस होता है ये रोग
सीलिएक रोग में ग्लूटन खाने से छोटी आंतों को नुकसान होता है। शरीर को पौष्टिक तत्व नहीं मिल पाते हैं जिसके परिणाम स्वरुप कई रोग और लक्षण सामने आते हैं। लक्षणों में कुछ पेट से संबंधितजैसे दस्त, पेट दर्द, पेट फूलना, उल्टी शरीर का विकास न होना शरीर का वजन कम होना और कुछ अन्य अंगो से संबंधिच जैसे लीवर की बीमारियां,हडि्डयों की बीमारी दांत में एनोमिल की दिक्कत,अनीमिया (खून की कमी),बार-बार गर्भपात, शरीर में दाने कमजोरी इत्यादि शमिल हैं।
यह एक आनुवंशिक रोग है और करीब एक तिहाई जनसंख्या में इसका कारक जीन पाया जाता है। गेहूँ और ग्लूटन युक्त अन्य अनाजों का उपयोग करने से इनमे कुछ लोगों में सीलिएक रोग किसी भी उम्र में ( 6 महीने से लेका 90 वर्ष तक ) सक्रिय को सकता है।
यकीन करना मुश्किल है लेकिन जहां-जहां गेहूँ का सेवन किया जाता है वहीं यह रोग पाया जाता हैं। हमारे देश के उत्तरी राज्यों में जहाँ गेहूँ का प्रयोग ज्यादा होता है सीलिएक रोग ज्यादा पाया जा रहा है।
बच्चों में
वयस्कों में
इस रोग के निदान के लिए बायोप्सी बहुत महत्वपूर्ण है।
इस रोग के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए क्लिक करें -सीलिएक इंडिया
स्त्रोत : डॉ पंकज वोहरा, पीडीऐट्रिक गैस्ट्रोइंट्रोलाजिस्ट,सीलिएक इंडिया गैर लाभकारी संगठन
अंतिम बार संशोधित : 3/2/2020
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