जनन करने वाले महिला और पुरुष के अंग
सुजाक और क्लेमैडिया
- यह रोग यौन सम्पर्क से फैलते हैं
- अगर किसी व्यक्ति में सुजाक और क्लेमैडिया एक साथ हो जाए तो दोनों का इलाज भी एक साथ होने चाहिए|
लक्षण
पुरुषों में महिलाओं में
-पेशाब करते समय पीड़ा -शुरू में कोई खास लक्षण नहीं दिखता
हाँ पेशाब करते समय पीड़ा हो सकती है
-शिशन(पेशाब नली) से पीब की बूंद निकलना -अगर सूजाक वाली महिला माँ बनने वाली
हो तो उसे जल्दी ही इलाज करवा लेना चाहिए
-अन्डकोशों में सूजन और दर्द -उसके होने वाले बच्चे को भी यह रोग हो सकता है| वह अन्धा हो जा सकता है|
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हफ़्तों या महीनों बाद
-एक या दोनों टांगों में, टखनों और कलाइयों - पेट के निचले हिस्से में दर्द सूजन और
में दर्द वाला सूजन जलन
-पूरे शरीर में दाने या छाले - मासिक धर्म की समस्याएं
- महिला बाँझ भी हो जा सकती है
- पुरुषों में ये लक्षण छुतहा स्त्री के साथ मैथुन करने के बाद उसे पांच दिन में दिखने लगता है |
- कभी-कभी तीन हपते बाद ही लक्षण दिखता है
- महिलाओं में महीनों या वषों बाद भी लक्षण नहीं दीखते हैं| लक्षण भले ही न दिखे पर उसे छूत तो हो ही जाता है|
उपचार
- पहले यह रोग पैनसिलिन से दूर हो जाता है, पर अब डाक्टर दूसरे असरदार दवाइयां देते हैं|
- अगर पेट के निचले हिस्से में दरद हो और बुखार भी आता हो तो डाक्टरी इलाज जरूर करवाएं|
- हर उस व्यक्ति का इलाज करना चाहिए जिसने सूजाक के रोगी के साथ मैथुन किया हो
- सभी बच्चों को सूजाक और अंधेपन से बचने का उपाय करें|
आतशक
आतशक एक आम पर खतरनाक रोग है| यह रोग भी मैथुन से ही लगता है|
लक्षण
- पहले प्रजनन अंग पर मुंहासे, छाले या खुले घाव के रूप में प्रगट होता है
- घाव में बहुत सारे रोगाणु होते हैं जो तेजी से फैलते हैं|
- घाव में कोई दर्द नहीं भी हो सकता है
- अगर घाव महिला के योनी के अन्दर हो तो नहीं दिखता है, लेकिन छूत फैला देता है|
- घाव कुछ दिन रहता है, फिर भर जाता है| लेकिन बीमारी अन्दर ही अन्दर फैलती रहती है|
- ह्पतों और महीनों बाद गला खराब हो सकता है, हल्का बुखार लग सकता है, मुंह में छाले हो सकते हैं या जोड़ों में सूजन आ सकती है|
- पूरे शरीर में पीड़ा देने वाले मुंहासे निकल आते हैं
- गोल छल्लेदार चकते निकल आते हैं
- हाथों या पांवो में खुजली वाले ददोरे निकल आते हैं
- अक्सरहां ये लक्षण अपने आप खतम हो जाते हैं
- व्यक्ति समझता है कि वह ठीक हो गया
- लेकिन बिना इलाज के यह रोग किसी भी अंग को नुकसान पहुंचा सकता है
- वह आदमी दिल का रोगी हो जा सकता है
- उसे फालिज या पागलपन हो सकता है, कई अन्य समस्यांए भी आ सकती हैं|
उपचार
- इस रोग का डाक्टरी इलाज पूरी तरह कराना चाहिए
- पैन्सिलिन के इलाज से फायदा होता है
- गर्भवती या दूध पिलाने वाली महिला को जांच करवा लें कि उसके लिए पेंसिलिन उचित है या नहीं|
एड्स – एच. आई. वी.
- एड्स रोग भी छुतहा होता है, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है
- एड्स शरीर कि रोगों से लड़ने वाली शक्ति को धर देता है
- एड्स पीड़ित रोगी आसानी से बीमार पड़ सकता है
- वह कई तरह कि बिमारियों के गिरफत में आ सकता है जैसे- दस्त न्यूमोनिया, टी.बी. चमड़ी का कैंसर|
- ज्यादा रोगी इन्हीं बीमारियों से मर जाते हैं, क्योंकि वे रोगों का मुकाबला नहीं कर पाते हैं|
- एड्स किसी व्यक्ति में खून, विर्य्र या योनी से बहने वाले श्राव से दूसरे व्यक्ति के शरीर में पहुंचते हैं|
- एड्स रोगी के साथ मैथुन करने से यह रोग हो जाते हैं| एक से अधिक व्यक्ति के साथ संभोग करने से एड्स बीमारी होने का अवसर अधिक हो जाता है|
- इंजेक्शन को अगर साफ न किया जाए तो एड्स कि बीमारी तुरत हो सकती है
- गर्भवती महिला से अगर एड्स हो तो बच्चा भी एड्स का रोगी पैदा होता है|
- यह सोचना गलत है कि एड्स हाथ मिलाने, साथ रहने, खेलने या खाने से भी फैलता है |
- यह भी सोचना गलत है कि एड्स के साथ भोजन करने से, एक ही शौचालय जाने से या मच्छर से या मख्ही से फैलता है|
लक्षण
- अलग़-अलग व्यक्तियों एड्स के लक्षण अलग-अलग होते हैं
- आम रोगों कि तरह इसके विशेष लक्षण होते हैं
- धीरे-धीरे वजन घटना
- एक महीने ज्यादा दस्त लगना
- एक महीने तक बुखार आता जाता हो|
नीचे दिए गए लक्षणों में एक या एक अधिक लक्षण भी हो सकते हैं|
- एक महीने से काफी खांसी आना
- मुंह के पास छाले निकलना
- शरीर के किसी हिस्से में सूजी हुई लसीली गांठे
- चमड़ी पर दानें
- मस्से, घाव या छाले का निकलना, इनका जल्दी ठीक न होना
- हर समय थकावट महसूस करना
- टी.बी. का हो जाना|
उपचार : अभी तक इस बीमारी का कोई इलाज खोजा नहीं जा सका है
- अभी तक कोई दवा नहीं निकली है
- जो रोग होता है केवल उसी का इलाज होता है
- दस्त लगने पर ओ.आर.एस. का घोल समय-समय पर पिलाएँ
- बुखार लगने पर उसकी गोलियाँ दें
- उसे भरपूर स्नेह दें ताकि वह बिना तकलीफ के मर सके|
बचाव
- उसी व्यक्ति के साथ संभोग करें जिसे यह रोग न हो एक से अधिक लोगों के साथ यौन संबंध न रखें खास कर पुरुष या स्त्री वेश्या, नशीली दवा लेने वाला व्यक्ति|एस.टी.डी.(यौन संबंधी रोगों)का इलाज तुरंत कराएं|
- इंजेक्शन नये सिरिंज से लें या फिर निश्चित हो जाएँ कि इंजेक्शन और सुई को काफी देर तक उबलते पानी में रखा गया है|
- रोगी के खून, दस्त उल्टी, खुले घाव से एड्स फ़ैल सकता है| उनसे बचें |
- पसीने या खून से सने कपड़ों को भी न छुएं
- मैथुन करते समय कन्डोम का उपयोग करें
- एच. आई.बी. विषाणु से ग्रषित व्यक्ति के खून का उपयोग नहीं किया जाए|
स्त्रोत: संसर्ग, ज़ेवियर समाज सेवा संस्थान
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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