वर्तमान ज्ञानाधार
हम क्या जानते हैं, हम किस बात पर विश्वास करते हैं और किस बात पर नहीं
सीखने की प्रक्रिया में शिक्षक केंद्रीय भूमिका में होते हैं।
आईसीटी का उपयोग कर रहे शिक्षक के सुविधाप्रदाता की भूमिका में बदलाव होने से शिक्षकों द्वारा कक्षा में नेता के रूप में सेवा करने की जरूरत समाप्त नहीं हो जाती; शिक्षक के पारम्परिक नेतृत्व कौशल और उसका प्रयोग अभी भी महत्वपूर्ण हैं (विशेष रूप से उनके लिए, जो पाठ योजना, तैयारी तथा उनके फॉलो-अप में शामिल हों)।
आईसीटी का उपयोग करते समय पाठ की योजना बनाना महत्वपूर्ण है
आईसीटी का उपयोग करते हुए पाठ की योजना बनाना महत्वपूर्ण है; अनुसंधान से पता चलता है कि जहां योजना अनुचित रूप से बनाई गई हो वहां छात्र का काम अक्सर विकेन्द्रित होता है और इससे लक्ष्य प्राप्ति में कमी आ सकती है।
केवल आईसीटी के अस्तित्व में होने से ही शिक्षकों की पद्धति नहीं बदलेगी। हालांकि, आईसीटी शिक्षकों को अपने शिक्षण पद्धति को बदलने तथा अधिक सक्षमता प्राप्त करने में मदद कर सकती है, बशर्ते आवश्यक स्थितियां उपलब्ध करा दी जाएं। शिक्षकों की शैक्षणिक पद्धतियां और तार्किकता उनके द्वारा आईसीटी के उपयोग को प्रभावित करती है, और शिक्षक द्वारा आईसीटी के उपयोग की प्रकृति छात्र की उपलब्धि को प्रभावित करती है। ।
आईसीटी को शिक्षकों द्वारा अधिक 'शिक्षार्थी केंद्रित' ज्ञानार्जन हेतु वातावरण बनाने में मदद देने वाले उपकरणों के रूप में देखा जाता है
ओईसीडी (आर्थिक सहयोग और विकास के लिए संगठन) देशों में, अनुसंधान के निष्कर्ष से यह माना जाता है कि आईसीटी का सबसे प्रभावी उपयोग उन मामलों में होता है, जिनमें शिक्षक, आईसीटी की मदद से, पूरी-कक्षा में विचार-विमर्श या व्यक्तिगत/छोटे समूह कार्य के ज़रिए विद्यार्थियों की समझ और सोच को चुनौती देते हैं। पारम्परिक ‘शिक्षक-केन्द्रित’ शिक्षण पद्धति से ‘’शिक्षार्थी-केन्द्रित’ पद्धतियों की ओर जाने में समर्थता प्रदान करने व सहयोग करने के लिए महत्वपूर्ण उपकरणों के रूप में आईसीटी को देखा जाता है।
आईसीटी को बदलाव में सहयोग प्रदान करने तथा प्रचलित शैक्षणिक प्रथाओं के सहयोग/संवर्द्धन में प्रयुक्त किया जा सकता है
आईसीटी का शिक्षकों द्वारा शिक्षण पद्धतियों में उपयोग, अनिवार्य रूप से पारम्परिक तरीकों की शिक्षण पद्धतियों में मामूली संवर्धन से लेकर उनके शिक्षण के दृष्टिकोण में अधिक मौलिक परिवर्तन करने के लिए किया जा सकता है। आईसीटी का उपयोग प्रचलित शैक्षणिक पद्धतियों के सुदृढीकरण के साथ-साथ शिक्षकों और छात्रों के बीच संवाद के तरीके को सुदृढ करने के लिए किया जा सकता है।
जानकारी की प्रस्तुति के लिए आईसीटी उपकरणों का प्रयोग मिश्रित रूप से प्रभावी होता है
प्रस्तुति उपकरणों (ओवरहेड और एलसीडी प्रोजेक्टर, टेलीविजन, इलेक्ट्रॉनिक व्हाइटबोर्ड, निर्देशित "वेब टूर्स", जहां छात्र एक साथ कंप्यूटर स्क्रीन पर एक ही संसाधनों को देखते हैं) के रूप में आईसीटी का उपयोग एक मिश्रित प्रभाव के रूप में देखा जाता है। जबकि यह वर्ग की समझ और कठिन अवधारणाओं के बारे में चर्चा (विशेष रूप से सिमुलेशन के प्रदर्शन के माध्यम से) को बढ़ावा दे सकता है, आईसीटी के इस तरह के प्रयोग पारंपरिक शैक्षणिक पद्धतियों को सुदृढ़ कर सकते हैं और चर्चा किये जा रहे विषय से या उपयोग किए जा रहे उपकरण से ध्यान हटा सकते हैं।
आईसीटी का ज्ञान और शिक्षक की तकनीकी क्षमताएं
शिक्षकों को आईसीटी के उपयोग से लाभ के लिए तैयार करना केवल तकनीकी कौशल से अधिक है
शिक्षण में आईसीटी के सफल एकीकरण के लिए शिक्षक की आईसीटी कौशल में तकनीकी महारथ करना एक पर्याप्त पूर्व शर्त नहीं है।
'वन-ऑफ़ प्रशिक्षण' पर्याप्त नहीं है
शिक्षकों को सबसे उपयुक्त संसाधनों का मूल्यांकन और चयन करने के लिए आईसीटी के गहन और सतत उपयोग की आवश्यकता होती है। हालांकि, उचित शैक्षणिक पद्धतियों का विकास उपयोग आईसीटी की तकनीकी महारथ से अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
कुछ ही शिक्षकों को अपने अध्यापन में आईसीटी के उपयोग में व्यापक 'विशेषज्ञता' होतीहै
ओईसीडी देशों में सबसे उन्नत स्कूल में भी, बहुत कम शिक्षकों को आम तौर पर आईसीटी उपकरणों और संसाधनों की विस्तृत श्रृंखला का व्यापक ज्ञान होता है।
ओईसीडी देशों में 'कंप्यूटर साक्षरता' को बढ़ावा देने के लिए आईसीटी का उपयोग शिक्षण और अधिगम उपकरण के रूप में आईसीटी के उपयोग की तुलना में कम महत्वपूर्ण रूप में देखा जाता है
ओईसीडी के अनुभव में, हर रोज के शिक्षण और सीखने की गतिविधियों में प्रौद्योगिकी का उपयोग "कंप्यूटर की कक्षाओं में" विशिष्ट अनुदेश से अधिक महत्वपूर्ण प्रतीत होता है। जबकि प्रौद्योगिकी कौशल का विकास शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया में एक भूमिका के रूप में देखा जाता है, यह अन्य शिक्षण और सीखने के तरीकों की समर्थता प्रदान करने के तत्व के रूप में अधिक महत्वपूर्ण है, और अपने आप में उतना महत्वपूर्ण नहीं है। जो स्कूल छात्र आईसीटी- संबंधित कौशल और अनुभव के उच्चतम स्तर रिपोर्ट करते हैं, वे अक्सर उनमें से नहीं होते जिनमें भारी कंप्यूटर कोर्स की आवश्यकताएं हों, बल्कि वे होते हैं जिन्होंने आईसीटी का उपयोग शिक्षक के व्यावसायिक विकास और शिक्षण और अधिगम प्रक्रिया में पूरी तरह से एक नियमित आधार पर इस्तेमाल किया हो।
अधिक परिष्कृत होते हैं
ओईसीडी देशों में, छात्र के ज्ञान और आईसीटी के उपयोग तथा शिक्षकों के ज्ञान और आईसीटी के उपयोग की क्षमताओं के बीच अत्यधिक विषमता प्रतीत होती है। यह बताता है कि शिक्षक की अनुभवहीनता और कौशल की कमी अक्सर छात्रों द्वारा शिक्षा के लिए आईसीटी के उपयोग की प्रभावकारिता में बाधा के महत्वपूर्ण कारक हो सकते है।
शिक्षक सामान्य रूप से आईसीटी का सबसे अधिक उपयोग प्रशासनिक कार्यों के लिए करते हैं
शिक्षक अक्सर आईसीटी का उपयोग 'नियमित कार्य' (रिकॉर्ड रखने, लेसन प्लान विकास, सूचना प्रस्तुति, इंटरनेट पर बुनियादी जानकारी की खोज) के लिए करते हैं।
अधिक जानकार शिक्षक "कंप्यूटर सहायता अनुदेश” पर कम भरोसा करते हैं
आईसीटी के उपयोग के अधिक जानकार शिक्षक कंप्यूटर सहायता अनुदेश का उपयोग अन्य शिक्षकों की तुलना में कम करते हैं, लेकिन कुल मिलाकर आईसीटी का अधिक उपयोग करते हैं।
शिक्षक आईसीटी का उपयोग कैसे करते हैं, यह उनकी सामान्य शिक्षण शैली पर निर्भरकरता है
आईसीटी के उपयोग के प्रकार शिक्षक के शैक्षणिक दर्शन के साथ जुड़ा होता हैं। जो शिक्षक आईसीटी का सर्वाधिक उपयोग करते हैं – और सर्वाधिक प्रभावकारी तरीके से – उनके पारंपरिक 'संचरण-विधि' द्वारा शिक्षण के उपयोग की संभावना कम होती है। जो शिक्षक अधिक प्रकार के सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं, उनकी प्रवृत्ति "रचनात्मक" शिक्षण की अधिक होती है।
शिक्षण और सीखने में सहायता के लिए आईसीटी की शुरूआत और उपयोग शिक्षकों के लिए अधिक समय खर्च करने वाला होता है, दोनों स्थितियों में जबकि वे शिक्षण प्रथाओं और रणनीतियों में परिवर्तन कर रहे हों और जबकि ऐसी रणनीतियों का नियमित रूप से उपयोग किया जाता है।
सीधे शब्दों में कहें तो: आईसीटी के साथ अध्यापन में अधिक समय लगता है (इस बात पर अनुमान अलग-अलग होते हैं कि एक ही सामग्री को कवर करने के लिए कितने अतिरिक्त समय की आवश्यकता होती है; 10% एक आम अनुमान है)।
अंतिम बार संशोधित : 3/13/2023
इस लेख में अंतर्राष्ट्रीय सदभावना के लिए शिक्षा के...
इस पृष्ठ में मैट्रिक-पूर्व, मैट्रिकोत्तर और मेरिट-...
इस भाग में पढ़ो परदेस योजना के बारे में अक्सर पूछे...
इस पृष्ठ पर भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव(आईएफ...