इस योजना का उद्देय मैट्रिकोत्तर अथवा माध्यमिकोत्तर स्तर पर पढ़ने वाले अनुसूचित जाति के छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि वे अपनी शिक्षा पूरी कर सकें।
मुख्य विशेषताएं
वित्तीय सहायता में अनुरक्षण भत्ता, शैक्षिक संस्थानों द्वारा प्रभारित अप्रतिदेय अनिवार्य फीस की प्रतिपूति, बुक बैंक सुविधा तथा अन्य भत्ते शामिल हैं। यह छात्रवृत्ति केवल भारत में पढ़ने के लिए उपलब्ध है तथा राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों द्वारा वास्तव में उनसे संबंधित आवेदक को प्रदान की जाती है।
इस योजना को 2013-14 में संशोधित किया गया था
इस योजना को अप्रैल 2013 पुनःसंशोधित किया गया जिसमें शैक्षिक सत्र 2013-14 से माता-पिता की आय सीमा को 2.00 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए कर दिया
पात्रता
इस योजना के तहत पात्र होने के लिए छात्र द्वारा निम्नलिखित अपेक्षाएं पूरी करनी चाहिएः
लाभार्थियों द्वारा योजनाओं के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने की कार्यविधि
सभी पात्र छात्र मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत करने के लिए स्कूल प्राधिकारियों तथा जिला समाहर्ता से संपर्क करें।
कक्षा IX और X में पढ़ रहे अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति
सरकार ने दिनांक 01.07.2012 से कक्षा IX और X में पढ़ रहे अनुसूचित जाति के समुदायों से संबंधित विद्यार्थियों के लिए मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति की एक केन्द्रीय प्रायोजित योजना की शुरूआत करने का निर्णय लिया। इस योजना का उद्देश्य कक्षा IX और X में पढ़ रहे अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के माता-पिता को सहायता प्रदान करना है जिससे विशेषतः प्रारंभिक से माध्यमिक स्तर के संक्रमण के दौरान स्कूल छोड़ने की घटना कम हो सके। योजना की मुखय विशेषताएं निम्नानुसार हैं :-
(क) इस योजना के अंतर्गत पात्र होने के लिए, विद्यार्थी को निम्नलिखित पात्रता पूरी करनी होगी :-
किसी भी कक्षा में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति सिर्फ एक वर्ष ही उपलब्ध होगी। यदि विद्यार्थी को कक्षा दोहरानी पड़ती है तो उसे दूसरे (उत्तरवर्ती) वर्ष के लिए उस कक्षा के लिए छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी।
(ख) छात्रवृत्ति के मूल्य में पाठ्यक्रम की अवधि के लिए निम्नलिखित शामिल हैं :-
छात्रवृत्ति तथा अन्य अनुदान
मद |
दिवा छात्र |
छात्रावासी |
छात्रवृत्तियां (प्रतिमाह रुपए में) (10 महीनों के लिए) |
150 |
350 |
पुस्तके और तदर्थ अनुदान (प्रतिमाह रुपए) |
750 |
1000 |
ग) यह योजना केन्द्रीय प्रायोजित योजना है और राज्य सरकारों और संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों द्वारा कार्यान्वित की जाएगी जिसमें इस योजना के अंतर्गत भारत सरकार से उसकी प्रतिबद्ध देयता से अधिक कुल व्यय के लिए १००% केन्द्रीय सहायता प्रदान की जाती है । किसी वर्ष के लिए किसी राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन की प्रतिबद्ध देयता का स्तर पूर्ववर्ती पंचवर्षीय योजना के अंतिम वर्ष के दौरान इस योजना के अंतर्गत उनके द्वारा किए गए वास्तविक व्यय के स्तर के समतुल्य होगा और उनके द्वारा अपने स्वयं के बजट में प्रावधान करके वहन किया जाना अपेक्षित होगा।
इस समय अनेक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र अनुसूचित जाति विद्यार्थियों के लिए कुछ प्रकार की मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति योजना अपने स्वयं के संसाधनों से कार्यान्वित कर रहे हैं।
लाभार्थियों द्वारा योजनाओं के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने की कार्यविधि
सभी पात्र छात्र जो उपर्युक्त योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति प्राप्त करना चाहते है, उन्हें अपने छात्रवृत्ति आवेदनों को स्कूल प्राधिकारियों को प्रस्तुत करना चाहिए।
सफाई तथा स्वास्थ्य की दृष्टि से जोखिमपूर्ण व्यवसायों में कार्यरत व्यक्तियों के बच्चों के लिए मैट्रिक-पूर्व
यह योजना 1977-78 में शुरू की गई थी। आरंभ में यह योजना केवल छात्रावासियों को कवर करती थी। तत्पश्चात्, वर्ष १९९१ में दिवा छात्रों को भी इस योजना के कार्य क्षेत्र में लाया गया। इस योजना के अंतर्गत निम्नलिखित लक्षित समूहों यथा (1) शुष्क शौचालयों को साफ करने वाला व्यक्ति, (2) स्केवेंजिंग की परम्परागत प्रथा में संलग्न स्वीपर, (3) चमड़ा रंगने वाले व्यक्ति, (3) चमड़ा उतारने वाले व्यक्ति, (4) मेनहोल तथा खुली नालियों की सफाई करने वाला व्यक्ति (5) कूड़ा बिनने वाले के बच्चों को मैट्रिक-पूर्व शिक्षा हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
प्रमुख विशेषताएं
इस योजना के अंतर्गत सहायता के दो घटक हैं, यथा
योजना का घटक |
01.04.2008 से संशोधित |
||
1.मासिक छात्रवृत्ति |
कक्षा |
दिवा |
छात्रवासी |
2.वार्षिक तदर्थ अनुदान (रुपए प्रतिवर्ष) |
I-II |
110 |
- |
3.प्रतिबद्ध देयता के अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता का पैटर्न |
III-X |
110 |
700 |
प्रमुख विशेषताएं
राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन और केन्द्रीय तथा राज्य विश्वविद्यालय/संस्थाएं नए छात्रावास भवनों के निर्माण और मौजूदा छात्रावास सुविधाओं के विस्तार, दोनों के लिए केन्द्रीय सहायता के पात्र हैं जबकि गैर-सरकारी संगठन तथा निजी क्षेत्र के मानित विश्वविद्यालय केवल उनकी मौजूदा छात्रावास सुविधाओं के विस्तार करने के लिए ऐसी सहायता के पात्र हैं।
इस योजना का उद्देश्य आवासीय विद्यालयों में शिक्षा के माध्यम से समग्र विकास हेतु सुविधाएं प्रदान करके अनुसूचित जाति केछात्रों की योग्यता का उन्नयन करना है। यह (1) उनकी शैक्षिक कमियों को दूर करके (2) उनकी योग्यता का उन्नयन करके व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में उनके प्रवेश को सुगम बनाना (3) उनमें आत्म-विश्वास और आत्म-निर्भरता लाकर किए जाने का प्रस्ताव है। कक्षा IX से कक्षा X में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति के छात्र इस योजना के तहत पात्र है।
प्रमुख विशेषताएं
25000 रुपए प्रति छात्र प्रति वर्ष के पैकेज अनुदान के माध्यम से राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र को 100: केन्द्रीय सहायता उपलब्ध कराना है। विशेष भत्ते जैसे :-
सहायक भत्ता आदि विकलांग छात्रों को प्रदान किया जाता है।
01.08.2013 से प्रभावी संशोधित इस योजना इस प्रकार है :- (क) प्रत्येक राज्य के लिए स्लॉटों की संखया में वृद्धि की गई है;
(ख) छात्रवृत्ति की दरों को 15000 रुपए से बढ़ाकर 25000 रुपए वार्षिक कर दिया गया है; तथा (ग) विकलांगता सहायता की दर को दुगुना कर दिया गया है।
अंतिम बार संशोधित : 3/8/2024
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