मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ध्रुव की शुरुआत की गई है ताकि प्रतिभाशाली बच्चों को उनके कौशल और ज्ञान को समृद्ध करने के लिए पहचान और प्रोत्साहित किया जा सके।यह कार्यक्रम देश के प्रतिभाशाली छात्रों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने का काम करेगा।
ध्रुव तारा कार्यक्रम में ललित कला के छात्रों को भी विज्ञान के छात्रों के साथ ही शामिल किया गया है क्योंकि ललित कला के छात्रों में अपनी सोच और अपनी बातें प्रभावी तरीके से पहुंचाने की अद्भुत क्षमता होती है।
ध्रुव कार्यक्रम देश में प्रतिभाशाली छात्रों की तलाश के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा और ऐसे छात्रों को विज्ञान, ललित कला और रचनात्मक लेखन आदि जैसे उनकी रूची के विषयों में उत्कृष्टता हासिल करने में मददगार होगा। इसके जरिये प्रतिभाशाली छात्र न केवल अपनी पूरी क्षमता का भरपूर इस्तेमाल कर सकेंगे, बल्कि समाज के लिए भी योगदान कर पाएंगे।
प्रधानमंत्री नवाचार शिक्षण कार्यक्रम प्रतिभाशाली बच्चों की पहचान करने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया गया है ताकि वे अपने कौशल और ज्ञान को और समृद्ध बना सकें। देशभर में खोले गये उत्कृष्टता केन्द्रों में विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त लोगों द्वारा प्रतिभावान बच्चों को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे अपनी पूरी क्षमता हासिल कर पाएं। ध्रुव तारा के कार्यक्रम के तहत चुने गये छात्रों में से कई अपने पसंदीदा क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल कर सकेंगे और इस तरह अपने समुदाय, राज्य तथा राष्ट्र के लिए सम्मान अर्जित करेंगे। इस कार्यक्रम में देश भर के बच्चों को शामिल किया जाना एक भारत श्रेष्ठ भारत की मूल भावना को सही मायने में परिलक्षित करता है।
ध्रुव कार्यक्रम के पहले बैच में सरकारी और निजी स्कूलों के नौ से बारवीं कक्षा के 60 अत्याधिक प्रतिभावान छात्रों का चयन किया गया। इनमें से 30 छात्रों को ललित कला और बाकी 30 को विज्ञान के क्षेत्र में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन बच्चों को उनके चुने हुए क्षेत्र में प्रशिक्षण देने का काम शुरू कर दिया जाएगा। इस दौरान इन छात्रों को आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण प्रदूषण जैसे विषयों प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए कहा जाएगा।
स्त्रोत:प्रेस सूचना कार्यालय,भारत सरकार
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
इस पृष्ठ में राष्ट्रीय फ्लोरोसिस रोकथाम एवं नियंत...