प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 01 अप्रैल 2018 से 31 मार्च, 2020 के लिए नई एकीकृत शिक्षा योजना बनाने के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रस्तावित योजना में, सर्व शिक्षा अभियान(एसएसए), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) और शिक्षक शिक्षण अभियान समाहित होंगे। प्रस्तावित योजना के लिए 75 हजार करोड़ रूपए मंजूर कियेगये है। यह राशि मौजूदा आवंटित राशि से 20 प्रतिशत अधिक है।
प्रस्तावित योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबको शिक्षा, अच्छी शिक्षा’के विज़न के परिप्रेक्ष्य में लाई गई है तथा इसका लक्ष्य पूरे देश में प्री-नर्सरी से लेकर बारहवीं तक की शिक्षा सुविधा सबको उपलब्ध कराने के लिए राज्यों की मदद करना है।
योजना का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में सतत विकास के लक्ष्यों के अनुरूप नर्सरी से लेकर माध्यमिक स्तर तक सबके लिए समान रूप से समग्र और गुणवत्ता युक्त शिक्षा सुनिश्चित करना है। एकीकृत स्कूली शिक्षा योजना में शिक्षकों और प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने पर खास जोर दिया गया है।
स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों के लिए योजना के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार है -
इस योजना से राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को अपने उपलब्ध संसाधनों के हिसाब से अपनी प्राथमिता तय करने और योजना के प्रावधान लागू करने का अवसर मिलेगा। इससे स्कूली शिक्षा के विभिन्न चरणों में बच्चों के आगे शिक्षा जारी रखने के मामलो में बढ़ोतरी होगी तथा बच्चों को अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के लिए सार्वभौमिक रूप से मौकामिलेगा। योजना का उद्देश्य बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें विभिन्न तरह के कौशल और ज्ञान में दक्ष बनाना है जो उनके सर्वांगीण विकास के साथ ही भविष्य में कार्यजगत में जाने और उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए आवश्यक है। योजना से बजटीय आवंटन का बेहतर और मानव संसाधन तथा पूर्ववर्ती योजनाओं के लिए तैयार की गई संस्थागत संरचनाओं का प्रभावी इस्तेमाल हो सकेगा।
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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