राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एनसीइआरटी) मात्रात्मक और गुणात्मक शैक्षणिक विकास को प्रोत्साहित करती है और असमानता दूर करने तथा सभी छात्रों को समान शैक्षणिक अवसर प्रदान करने का प्रयास करती है। एनसीइआरटी छात्रों में शैक्षणिक प्रतिभा, राष्ट्रीय प्रतिभा खोज योजना के माध्यम से उभारती करती है। यह कलात्मक और खोजपूर्ण प्रतिभा के लिए चाचा नेहरू छात्रवृत्तियों के माध्यम से कलात्मक विशिष्टता की भी प्रशंसा करती है।
कक्षा आठ के लिए राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा
छात्रवृत्तियां: संचालित परीक्षा के आधार पर आठवीं कक्षा की परीक्षा में सम्मिलित होनेवाले छात्रों के प्रत्येक समूह में से एक हजार छात्रवृत्तियां दी जायेंगी।
योग्यता: मान्यता प्राप्त स्कूलों की आठवीं कक्षा में पढ़नेवाले छात्र उन राज्यों या संघ शासित प्रदेशों, जहां स्कूल संचालित हैं, द्वारा संचालित जांच परीक्षा में शामिल होने के योग्य हैं। इसमें स्थानीयता का प्रतिबंध नहीं होता है।
परीक्षा योजना: आठवीं कक्षा के लिए लिखित परीक्षा का तरीका निम्नलिखित होगा :
पहले चरण की राज्य या संघ शासित प्रदेश में परीक्षा में दो भाग होंगे
दूसरे चरण की राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में
राष्ट्रीय प्रतिभा खोज योजना
योग्यता
केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल समेत किसी भी प्रकार के मान्यता प्राप्त स्कूल की दसवीं कक्षा में पढ़नेवाले सभी छात्र उस राज्य से, जहां स्कूल अवस्थित है, राज्य स्तरीय परीक्षा में शामिल होने के योग्य हैं। हालांकि इसमें स्थानीयता संबंधी कोई प्रतिबंध लागू नहीं होता है।
आवेदन प्रक्रिया
देश भर में दसवीं कक्षा में पढ़नेवाले छात्र उपरोक्त परीक्षा के बारे में अपने राज्य या संघ शासित प्रदेश की सरकार द्वारा जारी सूचना को समाचार पत्रों या स्कूल में देखते रहें और विज्ञापन या सूचना में वर्णित आवश्यकताओं के अनुसार आगे बढ़ें।
परीक्षा
एनसीइआरटी द्वारा संचालित किये जानेवाली दूसरे स्तर की जांच में आवश्यक संख्या में उम्मीदवारों को नामांकित करने के लिए राज्य स्तरीय परीक्षा के दो भाग होते हैं:
भाग-1 मानसिक योग्यता जांच (मैट) और
भाग-2 विद्वता योग्यता जांच (सैट)।
नेशनल साइबर ओलिंपियाड
योग्यता
सीबीएसइ (CBSE), आइसीएसइ( ICSE) और राज्य बोर्डों से संबद्ध अंग्रेजी माध्यमों के स्कूलों में तीसरी से 12वीं कक्षा में पढ़नेवाले बच्चे नेशनल साइबर ओलिंपियाड में शामिल हो सकते हैं। नौवीं से 12वीं कक्षा के वैसे बच्चों को, जो कला, वाणिज्य और विज्ञान में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं,इस प्रतियोगिता में शामिल हो सकते हैं, क्योंकि इसमें छात्रों की कंप्यूटर कुशलता की जांच की जाती है।
नेशनल साइंस ओलिंपियाड
छात्रों का निबंधन: यह स्पर्द्धा कक्षा तीन से कक्षा 12 तक के छात्रों के लिए खुली है और संबंधित स्कूलों को निर्दिष्ट प्रपत्र में निबंधन भेजना होगा।
नेशनल मैथेमेटिकल ओलिंपियाड
राष्ट्रीय स्तर पर गणित ओलिंपियाड 1976 से राष्ट्रीय उच्चतर गणित पर्षद् (एनबीएचएम- नेशनल बोर्ड फॉर हाय र मैथेमैटिक्स) की प्रमुख गतिविधि और प्रयास है। इस गतिविधि का एक मुख्य उद्देश्य हाई स्कूल के बच्चों में गणित की प्रतिभाओं की पहचान करना है। एनबीएचएम ने हर साल होनेवाले अंतरराष्ट्रीय ओलिंपियाड में शामिल होने के लिए भारतीय टीम के चयन और प्रशिक्षण की जिम्मेदारी भी ली है।
ओलिंपियाड प्रतिस्पर्द्धा के आयोजन के लिए देश को 16 क्षेत्रों में बांटा गया है। अंतरराष्ट्रीय गणित ओलिंपियाड (आइएमओ) में भारत की भागीदारी के लिए ओलिंपियाड कार्यक्रम में निम्नलिखित चरण होते हैं
पहला चरण: क्षेत्रीय गणित ओलिंपियाड (आरएमओ): देश के विभिन्न क्षेत्रों में सामान्यतौर पर हर वर्ष सितंबर और दिसंबर के पहले रविवार के बीच आरएमओ का आयोजन होता है। आरएमओ में शामिल होने के लिए 11वीं कक्षा के सभी स्कूली बच्चे योग्य हैं। इसमें तीन घंटे की लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाता है, जिसमें छह से सात सवाल होते हैं।
दूसरा चरण: भारतीय राष्ट्रीय गणित ओलिंपियाड (आइएनएमओ): आइएनएमओ हर वर्ष फरवरी के पहले रविवार को विभिन्न क्षेत्रों के केंद्रों पर होता है। आरएमओ के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों के चयनित छात्र ही आइएनएमओ में शामिल होने के योग्य होते हैं। आइएनएमओ चार घंटे की लिखित परीक्षा होती है। प्रश्न पत्र केंद्रीय स्तर पर तैयार होते हैं और पूरे देश में एक समान होते हैं। आइएनएमओ में सर्वोच्च स्थान पर रहनेवाले 30-35 छात्रों को प्रतिभा का प्रमाणपत्र दिया जाता है।
तीसरा चरण: अंतरराष्ट्रीय गणित ओलिंपियाड प्रशिक्षण शिविर (आइएमओटीसी) : यूएनएमओ प्रमाणपत्र धारकों को हर वर्ष मई-जून में आयोजित होनेवाले महीनेभर के प्रशिक्षण शिविर में आमंत्रित किया जाता है। इसके अलावा पिछले साल के वैसे आइएनएमओ प्रमाणपत्र धारकों को,जिन्होंने पूरे साल दूरस्थ-शिक्षा को संतोषजनक ढंग से पूरा किया हो, दूसरे चक्र के प्रशिक्षण के लिए फिर से आमंत्रित किया जाता है। शिविर के दौरान आयोजित चयन परीक्षा के अंक के आधार पर कनीय और वरीय समूहों से सर्वश्रेष्ठ छह छात्रों का चयन अंतरराष्ट्रीय गणित ओलिंपियाड में भारत के प्रतिनिधित्व के लिए चुना जाता है।
चौथा चरण: अंतरराष्ट्रीय गणित ओलिंपियाड (आइएमओ): शिविर के अंत में चयनित छह सदस्यीय टीम एक नेता और एक उप नेता के साथ आइएमओ में भारत का प्रतिनिधित्व करती है,जो सामान्यतौर पर जुलाई में विभिन्न देशों में आयोजित होता है। आइएमओ में साढ़े चार-चार घंटे की दो लिखित परीक्षा होती है, जिसे दो दिन में कम से कम एक दिन के अंतराल पर आयोजित किया जाता है। आइएमओ के स्थान तक जाने और आने में करीब दो सप्ताह का समय लगता है। आइएमओ में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदत जीतनेवाले भारतीय टीम के छात्रों को अगले साल के शिविर के अंत में आयोजित औपचारिक समारोह में एनबीएचएम से क्रमश: पांच हजार, चार हजार और तीन हजार रुपये का नगद पुरस्कार दिया जाता है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय आठ सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधि मंडल की विदेश यात्रा का खर्च देता है, जबकि एनबीएचएम (डीएइ) देश के भीतर होनेवाले सभी कार्यक्रमों और अंतरराष्ट्रीय भागीदारी से जुड़े तमाम खर्च वहन करता है।
गणित ओलिंपियाड के लिए पाठयक्रम: गणित ओलिंपियाड का पाठयक्रम (क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय) प्री-डिग्री कॉलेज गणित है। कठिनाई का स्तर आरएमओ से आइएनएमओ और फिर आइएमओ तक बढ़ता जाता है।
गणित ओलिंपियाड के लिए कुछ अनुशंसित पुस्तकें हैं -
राष्ट्रीय योग्यता छात्रवृत्ति योजना
क्रियान्वयन
राष्ट्रीय योग्यता छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत 1961-62 सत्र से शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य मेधावी किंतु निर्धन छात्रों को मैट्रिक के उपरांत अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति देना है ताकि वे निर्धनता के बावज़ूद अपना अध्ययन जारी रख सकें। ग्रामीण क्षेत्रों के कक्षा 6 से 12 के मेधावी बच्चों के लिए यह छात्रवृत्ति योजना 1971-72 से लागू की गई है जिसका उद्देश्य अध्ययन के लिए समान अवसर उपलब्ध कराना है। 9वीं योजना तक ये योजनाएं केन्द्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं के रूप में लागू की गईं। विभाग ने लागू करने के लिए अब इन योजनाओं को मिलाकर ‘राष्ट्रीय योग्यता छात्रवृत्ति योजना’ बनाई है। यह संशोधित योजना अर्हता सम्बन्धी पैमानों एवं छात्रवृत्ति की दर आदि में बदलाव को निर्धारित करती है।
उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य कक्षा 9 एवं 10 में अध्ययनरत ग्रामीण क्षेत्रों के योग्य छात्रों एवं मैट्रिक से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक शासकीय विद्यालयों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत योग्य प्राप्त छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
विषय-क्षेत्र
कक्षा 9 एवं 10 के लिए छात्रवृत्तियां ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों, शासकीय विद्यालयों एवं विकास खण्ड में स्थित स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए उपलब्ध है। मैट्रिक के बाद से स्नातकोत्तर स्तर तक के पाठ्यक्रमों के लिए राज्यवार योग्यता के आधार पर राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में स्कूलों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में छात्रवृत्तियां उपलब्ध हैं। छात्रवृत्ति उस प्रदेश/केन्द्र शासित प्रदेश की सरकार द्वारा प्रदान की जाती है जिसका छात्र निवासी है या जिससे उसने वह परीक्षा उत्तीर्ण की है, जिसके आधार पर उसे छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालयों की पहचान राज्य शासन/ केन्द्र शासित प्रदेश के प्रशासन द्वारा की जाएगी।
क्षेत्र एवं पात्रता
कक्षा 9 एवं 10 के छात्रों के लिए छात्रवृत्तियां केवल ग्रामीण क्षेत्र के शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों के लिए उपलब्ध होंगी।
जिन छात्रों ने नीचे दिये वर्गों में, विज्ञान एवं वाणिज्य विषयों में कुल मिलाकर 60 प्रतिशत तथा मानविकी संकाय में 55 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हों, उन्हें ही अन्य शर्त्तों के अधीन राष्ट्रीय योग्यता छात्रवृत्ति योजना के लिए पात्र समझा जाएगा-
कोई भी छात्र जिसे राष्ट्रीय योग्यता छात्रवृत्ति प्राप्त हो रही हो, वह अध्ययन के लिए कोई भी अन्य छात्रवृत्ति प्राप्त नहीं कर सकेगा। वैसे छात्र जो नौकरी कर रहे हैं वे इस छात्रवृत्ति को प्राप्त करने योग्य नहीं होंगे।
इस योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति प्राप्त करने के दौरान विद्यार्थी जिस संस्थान में अध्ययन कर रहा हो, उसके द्वारा शुल्क में छूट का लाभ ले सकेगा। साथ ही, वे उम्मीदवार जिन्होंने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन देने के एक वर्ष पूर्व अर्हतादायी परीक्षा उत्तीर्ण की हों, वे इसे प्राप्त करने के योग्य नहीं होंगे।
अभिभावकों की आय सीमा
इस योजना के अंतर्गत सभी श्रेणियों में छात्रवृत्ति केवल उन छात्रों को दी जाएगी जिनके अभिभावकों/पालकों की समस्त स्रोतों से वार्षिक आय 1 लाख रुपये अधिक नहीं हों।
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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