‘डिजिटल इंडिया’ भारत सरकार की एक नई पहल है जिसका उद्देश्य भारत को डिजिटल लिहाज से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में तब्दील करना है। इसके तहत जिस लक्ष्य को पाने पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है, वह है भारतीय प्रतिभा (आईटी) + सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) = कल का भारत (आईटी)।
‘डिजिटल इंडिया’ एक व्यापक कार्यक्रम है जो अनेक सरकारी मंत्रालयों और विभागों को कवर करता है। यह तरह-तरह के आइडिया और विचारों को एकल एवं व्यापक विज़न में समाहित करता है, ताकि इनमें से हर विचार एक बड़े लक्ष्य का हिस्सा नज़र आए। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का समन्वय डीईआईटीवाई द्वारा किया जाना है। वहीं, इस पर अमल समूची सरकार द्वारा किया जाना है।
‘डिजिटल इंडिया’ का विज़न तीन प्रमुख क्षेत्रों पर केन्द्रित है। ये हैं– हर नागरिक के लिए उपयोगिता के तौर पर डिजिटल ढांचा, मांग पर संचालन एवं सेवाएं और नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण।
हर नागरिक के लिए उपयोगिता के तौर पर डिजिटल ढांचे में ये उपलब्ध हैं- नागरिकों को सेवाएं मुहैया कराने के लिए एक प्रमुख उपयोग के रूप में हाई स्पीड इंटरनेट, डिजिटल पहचान अंकित करने का ऐसा उद्गमस्थल जो अनोखा, ऑनलाइन और हर नागरिक के लिए प्रमाणित करने योग्य है, मोबाइल फोन व बैंक खाते की ऐसी सुविधा जिससे डिजिटल व वित्तीय मामलों में नागरिकों की भागीदारी हो सके, साझा सेवा केन्द्र तक आसान पहुंच, पब्लिक क्लाउड पर साझा करने योग्य निजी स्थान और सुरक्षित साइबर-स्पेस।
सभी विभागों और न्यायालयों में मांग पर समेकित सेवाओं समेत शासन और सेवाओं, ऑनलाइन और मोबाइल प्लेटफॉर्म पर सही समय पर सेवाओं की उपलब्धता, सभी नागरिकों को क्लाउड एप पर उपलब्ध रहने का अधिकार है। डिजिटल तब्दील सेवाएं के जरिये व्यवसाय में सहजता करने, इलेक्ट्रॉनिक और नकदी रहित वित्तीय लेन-देन करने, निर्णय सहायता सिस्टम और विकास के लिए जीआईएस का फायदा उठाना।
नागरिकों को डिजिटल सशक्त बनाने के साथ में सार्वभौमिक डिजिटल साक्षरता, सर्वत्र सुगम डिजिटल संसाधनों, डिजिटल संसाधनों/सेवाओं की भारतीय भाषाओं में उपलब्धता, सुशासन के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्मों और पोर्टबिलिटी के सभी अधिकारों को क्लाउड के जरिये सहयोगपूर्ण बनाना। नागरिकों को शासकीय दस्तावेजों या प्रमाण-पत्रों आदि को उनकी मौजूदगी के बिना भी भरा जा सकेगा।
डिजिटल इण्डिया में नौ स्तम्भ सम्मिलित है- ब्राडबेण्ड हाई-वे, मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए सार्वभौमिक ऐक्सेस, जनता इन्टरनेट ऐक्सेस कार्यक्रम, ई-गवर्नेन्स – तकनीकी के जरिये सरकार में सुधार, ई-क्रान्ति- सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रदान करना, सभी के लिए सूचनायें, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन, नौकिरयों के लिए आईटी, जल्दी पैदावार कार्यक्रम। ये सभी एक मिश्रित कार्यक्रम है और सभी मंत्रालयों एवं सरकारी विभागों से जुड़े हुये है।
डिजिटल भारत कार्यक्रम के तहत कई मौजूदा योजनाओं के साथ मिलकर कार्य करना है, जिसके दायरों को पुर्नगठित और पुर्नकेन्द्रित किया गया है। क्लाउड, मोबाइल इत्यादि टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना, परिवर्तनकारी प्रक्रिया पुनर्रचना और प्रक्रिया में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना, अंत-प्रचालनीय उपक्रम और एकीकृत सेवा प्रदान करने के मानकों पर आधारित है और एक समकालिक ढंग से लागू किया जाएगा। डिजिटल इण्डिया के माध्यम से “मेड इन इण्डिया” इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों, उत्पादकों और सेवाओं के पोर्टफोलियो को भी बढ़ावा देना और देश में युवाओं के लिए रोजगार की संभावना को बढ़ावा देना है।
स्त्रोत: इंटरनेट, दैनिक समाचारपत्र
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020
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