चीन के बाद भारत दुनिया में प्याज के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है जो दुनिया में खेती के अंतर्गत कुल क्षेफल का 16 प्रतिशत है और कुल उत्पादन का 10 प्रतिशत। भारत में प्याज की प्रतिवर्ष 4.30 लाख टन (एफएफ़ो 1995) के उत्पादन के साथ 0.39 लाख हेक्टेयर में खेती की जाती है. चालू वर्ष का (201314) उत्पादन 4.7 करोड़ टन होने का अनुमान है. भारत में उत्पादित प्याज सबसे जादा महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात और हरियाणा राज्य से आता है।
पर्याप्त और उचित भंडारण सुविधा की कमी एक बड़ी समस्या है जो किसानों को आपात बिक्री के लिए विवश करता है । वर्तमान भंडारण क्षमता या तो अपर्याप्त है या फिर अवैज्ञानिक । हाल के दिनों में जरूरत से जयादा पूर्ती होने की स्थिति के परिणामस्वरूप कीमत परिवार्तनशील बहुत अधिक हो गई है. स्थिति में सुधार लाने के लिए, भारत सरकार ने खेत और साथ ही बाज़ार स्थानो पर दोनों जगह, प्याज के लिए उपयुक्त भंडारण गोदाम बनाने के वांछित कदम उठाए है । बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजी सब्सिडी कार्यक्रम चलाया गया जिसमें नाबार्ड प्रमुख भूमिका निभा रहा है । इस पूंजी निवेश सब्सिडी कार्यक्रम के माध्यम से 1999-2000 और 2000-2001 के दौरान प्याज की 4.5 लाख टन की भंडारण क्षमता बनाने की योजना बनाई गई थी । आधिकतम रू. 500 प्रति टन की स्थिति में निवेश लागत का 25% की सीमा तक सब्सिडी को नाबार्ड के माध्यम से वितरण प्रणाली के तहत दिये जाने का प्रस्ताव किया गया है ।
वर्तमान में प्याज भंडारण की क्षमता लगभग 4.6 लाख टन ही । यह हमारी कुल उत्पादन की तुलना में बहुत कम ही । यहाँ तक की अधिकांश विद्यमान गोदाम परंपरिक और अवैज्ञानिक हैं । यदि 40 प्रतिशत स्टॉक वैज्ञानिक भंडारण के लिए निर्धारित रखा जाय तो नए भंडारण गोदाम की क्षमता 12.6 लाख टन है । फिरभी कोल्ड स्टोरेज और प्याज भंडारण की विशेषज्ञ समिति ने खेत के समीप उत्पादन क्षेत्रो में लगभग 1.5 लाख टन की क्षमता और एपीएमसी तथा बाज़ार के अन्य स्थानो में भंडारण की क्षमता का अगले 5 वर्षों में आवश्यकता का अनुमान लगाया है । इस प्रकार यहाँ ऐसे कार्यों की विशाल क्षमता बनी हुई है ।
प्याज आम तौर पर चार से छह महीने की अवधि के लिय मई से नवम्बर तक रखा जाता है । हलाकि, 50-90 फीसदी भंडारण नुकसान जीनोटाइप और भंडारण की परिस्थितियों के आधार पर देखी गई हैं । कुल भंडारण नुकसान में वजन (पीएलडब्ल्यू) का दैनिक नुकसान शामिल हैं जैसे कि नमी की कमी और सिकुडन (30-40%%), सड़क (20-30%) और अंकुरण (20-40%), सही समय पर, प्याज की कटाई और उसे रोगमुक्त रखने के बाद वांछित तापमान और आर्द्रता की अवस्था में रखने से वजन के नुकसान (पीएलडब्ल्यू) को कम किया जा सकता है। आम तौर पर, सड़न के कारण नुकसान विशेष रूप से जून और जुलाई में भंडारण के प्रारंभिक महीने में चरम पर होता हैं। उच्च नमी के साथ मिलकर उच्च तापमान नुकसान का परिणाम बनता है हलांकि, प्याज के उचित ग्रेडिंग और गुणवत्ता एवं अच्छे वेंटिलेशन की स्थिति में सड़न के कारण नुकसान को कम क्र सकते हैं। फसल कटाई के बाद कवकनाशी छिड़ाकाव का प्रयोग करके भी सड़न को कम कर सकते हैं । लेकिन भारत में ऐसा नहीं है । अंकुरण नुकसान आमतौर पर भंडारण की अवधि के अंत में या नम हवा के उच्च तापमान के सम्पर्क में आने के बाद देखा गया हैं। विशेष रूप से अंकुरण द्वारा नुकसान घटिया गुणवत्ता वाले प्याज को कम समय और निष्क्रिय अवधि के लिए संग्रहित करने और मोटी गर्दन होना भी एक कारण देखा गया है । तुलनात्मक रुप से, अधिकतर अंकुरण द्वारा नुकसान हल्के लाल और सफेद प्याज की अपेक्षा गहरे लाल और सफेद प्याज की किस्म में देखा गया है ।
हर कृषि उत्पाद को न्यूनतम गुणात्मक और मात्रात्मक नुकसान के साथ लम्बे समय तक की उपलब्धता के साथ ठीक से रखा जाना आवश्यक है । प्याज एक अपवाद नहीं है । प्याज संयंत्र में रखने के लिए एक प्राक्रिया के दौर से गुजरने की एक प्रणाली है, और यह विभिन्न जीवों द्वारा रोग पैदा होने से क्षय के अधीन है। भंडारण प्रौद्योगिकी का उद्देश्य प्याज को लम्बे समय तक शेल्फ जीवन के साथ एक अपरिवर्तित हालत में यथासम्भव लम्बे समय के लिए रखना, और उन्हें ज्यादा नुकसान के बिना स्टोर से हटाने से बाद परिवहन और बाज़ार तक पहुंचना है ।
जब लम्बी अविध के भंडारण के बारे में सोचा जा रहा हो तो फिजियोलॉजी की निष्क्रिय और भंडारण रोग के महामारी विज्ञान का ज्ञान का होना आवश्यक है । नियंत्रित तापमान और आर्द्रता प्रणाली के भौतिक सिद्धांन्तों का उपयोग कर लम्बे समय तक निष्क्रिय हालत और उपयुक्त स्थिति प्रदान की जा सकती हैं जो रोग के विकास के लिए प्रतिकूल हैं । इसके आलावा इस प्रक्रिया में आर्थिक और तकनीकी बाधाओं को देखना पढ़ेगा । इसके लिए दो बुनियादी रणनीतियों पर ध्यान देना होगा जैसे भंडारण तापमान को 300 सेल्सियस के आसपास रखना और प्याज को उच्च तापमान की प्रसुप्तावस्था में रखने की जरूरत हैं ।
फिजियोलजिक्ल और पैथोलोजिकल प्रक्रिया के आगे बढ़ने पर स्टोर में प्याज का सम्पर्क ऊष्मा और जल वाष्प की भौतिक प्रक्रिया से होता हैं जिससे स्टोर का वातवरण प्रभावित होता है । प्याज भंडारण को प्रभावित करने और प्याज में परिवर्तन लेन के मुख्य कारक अनुक्रम में नीचे संक्षेप में दीये गए हैं:
समय के साथ, अंकुरण और आंतरिक जड़ विकास का होना ।
अंकुरण और आंतरिक जड़ विकास से प्याज आकार में परिवर्तन, छिलके में तनाव और दरार पड़ना ।
यह जल वाष्प से छिलके के प्रवाह्क्त्व को बढ़ता है और आख़िरकार प्याज में पानी की कमी की दर बढ़ जाती हैं ।
अंकुरण में वृद्धि से उसमें श्वसन बढ़ जाती है ।
श्वसन में वृद्धि के कारण प्याज से ऊष्मा, सीओं 2 और पानी की कमी के आउटपुट को बढ़ता है ।
स्टोर में रोग तब विकसित होते हैं जब वहाँ उसके अनुकूल परिस्थितियाँ हों और इस प्रकार प्याज खराब हो जाते हैं ।
रोगों के कारण प्याज गिरावट से श्वसन आउटपुट में वृद्धि होगी । जैसे कि पानी की कमी के लिए और सीओ 2 के विनिमय करने के लिए यह मुख्य बाधा है इसलिए प्याज के छिलके का, भंडारण में भौतिक और शारीरिक प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका है । 65-70% सापेक्ष आर्द्रता छिलके को पूर्ण रूप से लचीला और लोचदार बनाए रखने के लिए वांछनीय है । कम आरएच में, छिलका बहुत नाजुक हो जाता है और विशेष रूप से जब छिलके की नमी 20% नीचे गिर जाती हैं तो छिलका बहुत भूर- भूर होकर आसानी से टूट जाता है ।
67-70% के बीच नमी बनाए रखने के लिए वेंटिलेशन की जरूरत होती हैं इस कमी से प्राय:, पानी की कमी और श्वसन में वृद्धि से गुणवत्ता और मात्रा में प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हैं ।
प्याज द्वारा उत्पादित ऊष्मा को नष्ट करने के लिए वेंटिलेशन की जरूरत होती हैं । समय के साथ, उक्त के लिए वेंटिलेशन की आवश्यकता को भी बढ़ाना होगा । इसलिए स्टोर के डिज़ाइन को आवश्यकताओं से मेल खाना चाहिए । स्टोर में रोगजनकों के प्रसार के लिए उच्च तापमान के साथ उच्च आर्द्रता अनुकूल होता है।
आंतरिक वातवरण की समुचित निगरानी से उक्त परिवर्तनों को रोकना आवश्यक हैं। ऊष्मा और जल वाष्प को दूर करना चहिए या आवश्यक के रूप से ऊष्मा या प्रशीतन या वेंटिलेशन या आथिर्क आधार पर सभी तंत्रों को संयोजित कर उपयोग किया जाना चाहिए । हालांकि, भारतीय परिस्थितियों के अंतर्गत प्याज उत्पादित राज्यों के लिए प्राकृतिक वेंटिलेशन के डिजाईन सबसे अधिक किफायती हैं ।
प्याज के प्रभावी लम्बे भंडारण के लिए आवश्यक मापदंड़ो पर ध्यान देना आवश्यक है जैसे: प्याज का आकार, किस्म का चयन, खेती प्रथाओं, फसल के समय, क्षेत्र का उपचार, ऊपरी भाग की छटाइ करना, सुखाना, ग्रेडिंग, पाकिंग, भंडारण की स्थिति (65% से 70% के बीच में अनुकूलतम भंडारण सीमा के साथ 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान की सीमा)
प्याज भंडारण के लिए, प्रौद्योगिकी प्राकृतिक वेंटिलेशन या कृत्रिम वेंटिलेशन के साथ भी हो सकती हैं । कोल्ड स्टोरेज सिस्टम प्याज के लिए कुछ देशों में उपयोग किया जाता है, यह सामान्य रूप से भारत में कमजोर अर्थव्यवस्था होने के कारण नहीं अपनाया जाता है और हमारे देश में प्रचलित उच्च परिवेश तापमान में गुणवत्ता बनाए रखने के लिए आवश्यक कोल्ड चेन सुविधाओं की कमी के कारण भारत में इसे नहीं अपनाया गया है । 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ 65% से 70% के बीच आद्रॅता की रेंज बनाए रखने पर प्याज भंडारण का वेंटिलेशन काफी सन्तोषजनक रहता है । यह वातावरण भंडारण के होने वाते नुकसान जैसे सड़न, अंकुरण और वजन के रूप में फिजिओलोजिक्ल नुकसान करता है । प्याज भंडारण गोदाम उत्तर-दक्षिण कि ओर उन्मुख होना चाहिए और उसकी लंबाई का मुख पूर्व-पश्चिम दिशा कि ओर होना चाहिए । छिद्रत सतह के साथ नीचे और किनारों के वेंटिलेशन के साथ 0.60 मीटर की ऊँचाई तक का भंडारण होगा । 80% तक खुले किनारों के साथ 60 सेंटीमीटर जमीन से ऊपर भंडारण होना चाहिए । वेंटिलेशन भंडारण के तहत भंडारण की ऊँचाई 90 सेमी से 150 सेमी में होना चाहिए । 25 मी मीट्रिक टन भंडारण के लिए, प्याज भंडारण क्षेत्र का आकार 4.5 मीटर x 6.0 मीटर होना चाहिए । भंडारण की चौड़ाई स्थानीय निर्माण सामग्री और परिवेश दशा की उपलब्धता के आधार पर कम किया जा सकता है । भंडारण गोदाम की लंबाई को व्यकितगत किसानों की आवश्यकताओ के अनुकूल बढ़ाया जा सकता है । धूप और बारिश से उत्पाद की रक्षा करने के लिए विंडवार्ड के ऊपर कम से कम 1.5 मीटर और अन्य सभी किनारों में 0.5 मीटर का छज्जा बनाना चाहिए । हवा की दिशा में, स्थ से नीचे के मुख को बेहतर वेंटिलेशन के लिए ऊपर की ओर हवा निदेर्शित करने के लिए बंद किया जाना चाहिए । जहाँ तूफ़ान/चक्रवात की संभावना हों वहाँ अनुवात की दिशा को बंद कर देना चाहिए अगर वायु की दिशा वाला स्थान खुला हो । तूफान के दौरान प्रतिवात दिशा को बंद करने का प्रावधान होना चाहिए । बेहतर क्षेत्र के उपयोग करने पर दिया जाना चाहिए । 25 मेट्रिक टन के गोदाम का कुल आयाम 6.5 मीटर x 7.0 मीटर होना चाहिए । आयाम को क्षमता और साइट की स्थिति के आधार पर समायोजित किया जा सकता है । गोदामों की छत में एक टायर व्यवस्था के लिए मंगलौर टाइल प्रकार या एसीसी या दो टिअर प्रणाली के लिए आरसीसी का प्रयोग हो सकता है । मंगलौर टाइल्स की स्थिति में, हवा से नुकसान को रोकने के लिए सिरों को ठीक से गड़ाना चाहिए । यदि सस्ता माल उपलब्ध हो जो गोदाम के ऊपर उत्पन्न ऊष्मा को रोकने की क्षमता रखता हो तो वे भी इस्तेमाल किया जा सकता है । नींव में पिल्लरों को संभालने की क्षमता होनी चाहिए जो गोदाम और वायु के दबाव को सहन क्र सके । वायु अवरोध के रूप में सुविधा देंने के लिए अनुवात दिशा में भंडारण प्लेटफार्म के निचले भाग में आधी ईट की अविच्छिन्न मोटी दीवार बनवाई जा सकती है । एमएस कोण फ्रेम की सहायता से आधे विभाजित बांस का प्याज भंडारण गोदाम के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है । किनारों की दीवारें भी चेन लिंक (जिआई तार) के प्रकार की हो सकती हैं। ऐसा देखा गया है कि प्रति मीट्रिक टन रु. 1500 से रु. 200 के बीच निवेश लागत से इस तरह के गोदामों का निर्माण किया जा सकता । इसलिए, पर्याप्त देखभाल से गोदामों द्वारा पूरा लाभ उठाया जा सकता है ।
प्याज का संग्रह खुले में या बैग में किया जाता है. लाभाथिर्यो को सूचित किया जाए की भंडारण करने से पहले प्याज की छंटाई जरूर की जानी चाहिए और उसके बाद प्याज में रोग/संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए तीस दिनों में कम से कम एक बार प्याज की छंटाई जरुर करनी चाहिए. आम तौर पर, प्याज कस वजन कम होने के कारण एक स्टोरेज सीजन में लगभग 20-30% कस नुकसान हो जाता है जिसे उचित देखभाल के साथ नियंत्रित किया जा सकता है. यदि संरचना की डिजाईन में अधिक से अधिक प्राकृतिक वेंटिलेशन की सुविधा का प्रावधान किया गया है और प्याज की छंटनी नियमित अंतराल पर की जाती है तो अन्य प्रकार के नुकसान को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है.
प्रमोटर व्यकित व्यक्ति, व्यक्तियों का समूह, सहकारी समितियां, प्रोप्राइटरी/साझेदारी फर्म और सार्वजनिक या निजी क्षेत्र की संयुक्त क्षेत्र की कंपनियां हो सकती है. परियोजना तैयार करते समय, प्रवर्तकों, गतिविधि में उनके अनुभव और नेटवर्थ का पूरा विवरण शामिल किया जाना चाहिए.
प्याज भंडारण गोदाम के लिए निम्न भौतिक प्रावधान और उनकी लागत का विवरण जरूरी है:
उक्त वर्णित मापदंडों के अनुसार, प्याज भंडारण गोदाम की औसत लागत 300 से 400 प्रति मैट्रिक टन हो सकती. 25 टन क्षमता के प्याज भंडारण गोदाम की औसत लागत 1.00 लाख आती है और तदनुसार निवेश की इकोनॉमिक्स का आंकलन किया गया है. 25 लाख टन से प्याज भंडारण गोदाम की इकोनॉमिक्स का आंकलन करने के लिए अपनाए गए तकनीकी – वित्तीय मापदंड़ो का विवरण अनुबंध –I में दिया गया है.
25 लाख टन क्षमता के प्याज भंडारण गोदाम से निवेश का वित्तीय विश्लेशण किया गया है और अनुबंध II में दिया गया है. परियोजना में 25% की मार्जिन राशि और 14% ब्याजदर का सावधि ऋण है. इस परियोजना के लिए, निवेश के वित्तीय संकेतक इस प्रकार हैं:
अनुबंध III में दिए गए नकदी प्रवाह विवरण (cash flow statement) और चुकौती अनुसूची (repayment schedule) के अनुसार, अनुग्रह अवधि के बिना, मियादी ऋण की वसूली 5 साल में की जाए है.
बैकरों और ऋणकर्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए, कुछ एहतियाती उपाय करना आवश्यक होगा. सुलभ सन्दर्भ हेतु, इस योजना की सफलता के लिए महत्वपूर्ण पहलुओं में से कुछ पहलू अनुबंध IV में “क्या करें और क्या न करें” के रूप में दिए गए हैं.
नाबार्ड अपने सामान्य पुनर्वित्त प्रोग्राम के तहत प्याज भंडारण संरचनाओं के लिए विभिन्न पात्र वित्तपोषण बैंक को पुनर्वित्त सहायता प्रादान करता है. इस हेतु समय समय पर दिशानिर्देश जारी किए जाते हैं, पुनर्वित्त के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए बैंकरों द्वारा प्रयोग की जाने वाली एक चेकलिस्ट अनुबंध V में दी गई है.
भारत सरकार ने बागवानी उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोरेज और स्टोरेज के निर्माण/ आधुनिकीकरण/विस्तार के लिए पूंजी निवेश सब्सिडी योजना स्वीकृत की है. योजना का विवरण अनुबंध VI में दिया गया है. नाबार्ड को ऋण वितरण प्रणाली के माध्यम से गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है.
अनुबंध I
1. |
भूमि की आवश्यकता |
6.5 मी x 7.0 मी |
2. |
भंडारण के लिए स्थान की आवश्यकता |
4.5 मी x 6.0 मी |
3. |
प्रौद्योगिकी को प्राथमिकता (Technology preferred) |
प्राकृतिक या कृत्रिम वेंटिलेशन जिसमें 25 और 30० सेल्सियस के बीच तापमान तथा 65 से 70% की सापेक्ष काद्रर्ता रखी (maintain) की जाएगी. |
4. |
जमीन से भंडारण प्लेटफार्म की ऊँचाई |
60 से.मी. |
5. |
भंडारण प्लेटफार्म की ऊँचाई |
90 to 150 से.मी. |
6. |
निर्माण की लागत |
100000 (इकाई लागत रु.4000 प्रति मीट्रिक टन) |
7. |
क्षमता |
25 मीट्रिक टन |
8. |
क्षमता उपयोग |
100% |
9. |
3 माह तक प्याज के वजन में कमी |
12.50% |
10. |
3 माह तक प्याज की बिक्री |
50% |
11. |
3 माह से 6 माह की अवधि में प्याज के वजन में कमी |
12.50% |
12. |
3 से 6 माह की अवधि में प्याज की बिक्री |
50% |
13. |
बिक्री मूल्य: |
|
(a) फसल काटने के समय बेचे गए प्याज की कीमत |
रु. 15.00 प्रति किलो |
|
(b) 3 माह तक बेचे गए प्याज की कीमत |
रु. 22.00 प्रति किलो |
|
(c) 3 माह से 6 माह की अवधि में बेचे गए प्याज की कीमत |
रु. 24.00 प्रति किलो |
|
14. |
रख रखाव/परिवहन/ग्रेडिंग/छंटाई का खर्च |
रु. 3.00 प्रति किलो |
15. |
निवेश पर किसान को ब्याज की हानि (Interest loss) |
14% |
16. |
भंडारण संरचना का जीवन |
15 वर्ष |
अनुबंध II
आईआरआर, बीसीआर, एनपीडब्ल्यू की गणना – 25 मीट्रिक टन क्षमता प्याज भंडारण संरचना/गोदाम |
||||||||||||||||
विवरण |
वर्ष |
|||||||||||||||
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
7 |
8 |
9 |
10 |
11 |
12 |
13 |
14 |
15 |
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1 |
पूंजी लागत |
1 |
- |
- |
- |
- |
- |
- |
- |
- |
- |
- |
- |
- |
- |
- |
2 |
आवर्ती लागत |
0.75 |
0.75 |
0.75 |
0.75 |
0.75 |
0.75 |
0.75 |
0.75 |
0.75 |
0.75 |
0.75 |
0.75 |
0.75 |
0.75 |
0.75 |
3 |
14% की डॉ से 1.00 लाख पर ब्याज हानि |
0.14 |
0.14 |
0.14 |
0.14 |
0.14 |
0.14 |
0.14 |
0.14 |
0.14 |
0.14 |
0.14 |
0.14 |
0.14 |
0.14 |
0.14 |
4 |
कुल लागत |
1.89 |
0.89 |
0.89 |
0.89 |
0.89 |
0.89 |
0.89 |
0.89 |
0.89 |
0.89 |
0.89 |
0.89 |
0.89 |
0.89 |
0.89 |
5 |
लाभ |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
6 |
10% की ह्रास डॉ पर उबार मूल्य (Salvage value @ 10% depreciation) |
0.1 |
||||||||||||||
7 |
कुल लाभ |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.25 |
1.35 |
8 |
शुद्ध लाभ |
-0.64 |
0.36 |
0.36 |
0.36 |
0.36 |
0.36 |
0.36 |
0.36 |
0.36 |
0.36 |
0.36 |
0.36 |
0.36 |
0.36 |
0.46 |
9 |
डिस्काउंट फैक्टर |
15% |
||||||||||||||
10 |
NPW @ 15% DF |
1.25 |
||||||||||||||
11 |
बीसीआर |
1.21 |
:1 |
|||||||||||||
12 |
आईआरआर |
56.16% |
अनुबंध III
अनुबंध IV
क्र.सं. |
क्या करें |
क्या न करें |
1 |
साईट की उपयुक्तता – उचित ऊँचाई, जल निकाकी और सड़क मार्ग से लिंकेज |
खराब सड़क सम्पर्क और निचले क्षेत्र की साईट से बचा जाना चाहिए. |
2 |
नीचे और साइड से पर्याप्त प्राकृतिक वेंटिलेशन की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए. |
प्राकृतिक वेंटिलेशन की किसी भी बाधा को टाला या कम किया जाना चाहिए. |
3 |
प्याज शेड के नजदीक कोई लंबा ढांचा नहीं होना चाहिए. |
प्याज भंडारण गोदाम की ऊँचाई की 1.5गुना दुरी के भीतर कोई लंबा ढांचा नहीं होना चाहिए. |
4 |
प्राकृतिक वेंटिलेशन के लिए, भंडारण चौड़ाई (storage width) 610 सेमी तक ही रखनी चाहिए. ज्यादा नमी वाले क्षेत्रों में, भंडारण चौड़ाई को कम किया जा सकता है/आवश्यक यांत्रिक वेंटिलेशन का प्रावधान किया जा सकता है. |
ज्यादा चौड़ी भंडारण संरचनाओं/ढांचों से बचा जाना चाहिए. |
5 |
प्याज भंडारण गोदाम को हवा के प्रवाह के सामने की दिशा में बनाना चाहिए ताकि गोअदाम में हवा को प्रवाह हो सके. |
गोदाम हवा की दिशा के समानांतर नहीं बनाना चाहिए. |
6 |
ढांचे/गोदाम में हवा के प्रवाह की विपरीत साइड (Leeward side) में दीवार की खिडकियों/ दरवाजों (wall opening) को बंद करना चाहिए. (Leeward side wall opening below the platform should be closed). |
जहाँ तूफ़ान और चक्रवात आते हैं वहां यदि हवा के प्रवाह की दिशा (windward) की साइड खुली है, तो हवा के प्रवाह की विपरीत साइड (Leeward side) को खुला रहना चाहिए. |
7 |
तूफ़ान/भारी बारिश के दौरान, हवा के प्रवाह (windward) की साइड को बंद करने की व्यवस्था होनी चाहिए और जहां आवश्यक हो, हवा के प्रवाह की विपरीत साइड को खोलने की व्यवस्था भी होनी चाहिए. |
तूफ़ान/भारी बारिश के दौरान, हवा के प्रवाह (windward) की साइड को खुला नहीं रखना चाहिए. |
8 |
अधिकता बारिश की या सूरज की रोशनी को प्याज पर गिरने से रोकने के लिए पर्याप्त छज्जे का प्रावधान किया जाना चाहिए. |
संरचनाओं/ गोदाम में छोटे छज्जे नहीं रखने चाहिए. |
9 |
ढांचे की छत ऐसे मटेरियल से बनी होनी चाहिए ताकि छत गर्म न हो. |
छत जिआई शीट से नहीं बनानी चाहिए. |
अनुबंध V
10. प्रमोटर के वित्तीय स्थिति
11. की गई/नियोजित अन्य गतिविधियों
12. क्षेत्र में प्याज की उपलब्धता.
13. क्षेत्र में प्याज की मांग.
14. अच्छे संग्रहणीय प्याज का फसल के मौसम के दौरान मूल्य.
15. तीन महीने और छह महीने के बाद सामान्य मूल्य.
16. क्षमता और स्थान:
प्याज के मुख्य बाजार के दूरी.
नजदीकी प्याज भंडारण गोदाम से प्रस्तावित स्थान की दूरी और इसकी क्षमता.
साइट का विवरण-भूखंड का क्षेत्र/साइट प्लान जिसमें मौजूदा सड़कों और प्राकृतिक जल निकासी का विवरण हो.
भूमि रिकॉर्ड की प्रति जिसमें भूमि के मालिकाना हक और लागत का स्पष्ट उल्लेख हो. साइट के पास उपलब्ध अन्य आधार सुविधाएं .
प्रस्तावित साइट के चयन के लिए कोई अन्य बात (consideration)
साइट के विकास के लिए प्रस्तावित मदें और उनका विस्तृत विवरण (specifications) (तूफान के दौरान जल निकासी व्यवस्था, सड़क, चारदीवारी, मिट्टी का खुदाई कार्य की मात्रा, गेट, आदि).
संरचना/ढांचे का विवरण जिसमें साइज (लम्बाई, ऊँचाई व् चौड़ाई) और साइज़ के कारणों का स्पष्ट विवरण दिया जाए.
प्रस्तावित संरचनाओं/ढांचों का लेआउट प्लान जिसमें मौजूदा ढांचे, यदि कोई हो, का विवरण भी हो.
भंडारण के मौसम के दौरान परिवेश के तापमान और आद्रर्ता की स्थिति.
विस्तृत तकनीकी और संरचनात्मक ड्राइंग जिसमें विस्तृत विवरण (specifications) भी दिए हों.
शेड्यूल ऑफ़ रेट्स (SOR) की तुलना के साथ गोदाम निर्माण सामग्री की मात्रा और रेट का विश्लेषण.
मैकेनिकल वेंटिलेशन का प्रावधान, यदि कोई हो. यदि ये प्रावधान है तो बिजली की व्यवस्था के साथ इनका विवरण.
कोई अन्य प्रासंगिक जानकारी.
संगठन संरचना, कर्मचारियों की आवश्यकता और वेतन ढांचे का विवरण.
ब्याज, अनुग्रह अवधि, चुकौती अवधि, डाउन पेमेंट, सिक्यूरिटी की प्रकृति, बैंक ऋण/पुनर्वित्त के लिए सरकार की गारंटी की उपलब्धता, सब्सिडी के स्रोतों और सीमा की उपलब्धता.
कार्यान्वयन की प्रस्तावित अनुसूची.
भंडारण से कुल आय, व्यय और अधिशेष का अनुमान.
कैश फ्लो, लाभ-लागत अनुपात, शुद्ध वर्तमान मूल्य, वित्तीय प्रतिफल दर, आंतरिक प्रतिफल दर (IRR) और ऋण सेवा कवरेज अनुपात के साथ-साथ परियोजना की वित्तीय व्यवहार्यता पर टिप्पणियाँ.
आय और व्यय विवरण की गणना के लिए निर्धारित मान्यताएं.
अगले पांच साल के लिए अनुमानित आय और व्यय विवरण.
संवेदनशीलता विश्लेषण
रोजगार सृजन और किसानों को लाभ सहित सामाजिक आर्थिक लाभ.
उधारकर्ताओं/कार्यान्वयन एजेंसी की वित्तीय स्थिति पर टिप्पणी.
कंपनियों, साझेदारी फर्म या सोसाइटी के लिए पिछले तीन वर्षों की वित्तीय स्थिति और अंकेक्षित वित्तीय स्टेटमेंट का विश्लेषण.
स्त्रोत: क्षेत्रिय नाबार्ड कार्यालय बैंक, झारखंड
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020
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