सुन्दरता में बेजोड़ खूबसूरत पौधे, पेड़ तथा फूल आदिकाल से ही मानव जीवन का हिस्सा बने हुए हैं। हरियाली एवं फूलों की अनुपम छटा, उसके सौन्दर्य को देखकर प्रत्येक का मन चहक उठता है और हर पल हर क्षण इन्हीं के सामीप्य में व्यतीत करने का मन करता है ताकि इनकी सुगंध एवं सौन्दर्य का भरपूर आनन्द लिया जा सके।
एक समय था जब लोगों के पास बड़े-बड़े उद्यान, ऊँचे-ऊँचे पेड़ एवं चारों तरफ हरियाली से आच्छादित आवास हुआ करते थे।। आज अधिकतर लोग फैल्टों में रहते हैं जिनके पास दो या तीन कमरे ही होते हैं।
झारखण्ड में इस समय फूलों की मांग बढ़ रही ही। रांची, टाटा, धनबाद, बोकारो, हजारीबाग जैसे बड़े शहरों के आसपास फाइलों की खेती भी शुरू की गई है। किसान विभिन्न फूलों जैसे- गेंदा, जरबेरा, ग्लैडियोलि कारनेश, गुलाब इत्यादि पौधे लगाने लगे हैं। फिट भी इनकी खेती अपेक्षा से काफी कम है। अतः आवश्यकता है कि इन किसानों को अधिक से अधिक जानकारी दी जाए।
फूलों की खेती अन्य फसलों के अपेक्षा काफी लाभदायक है। चावल, गेंहू या मकई की खेती से किसानों को की आमदनी कर सकते हैं। अन्य फसलों की अपेक्षा इनकी खेती में शुरुआत में लागत अधिक आती है पर दूसरे से इसमें कमी हो जाती है, जिससे किसान को दूसरे साल से फायदा अधिक हो जाता है।
कई तरह के फूलों से तेल भी निकाल जाता है, जसे – गुलाब की नूरजहाँ किस्म से अच्छी किस्म का तेल निकलता है। इसके लिए आवसन यंत्र की जरूरत होती है जिसे एक बार खरीद लेने के बाद करी वर्षों तक कार्य करता है।
बहुत से पौधे के बार लगाने के बाद कई सालों तक फूल देते रहते हैं, जैसे- एक बार गुलाब लगाने के बाद दस सालों तक फूल मिलते रहते हैं वहीं बहुत से फूल हर साल लगाये जाते हैं जैसे- गेंदा, जरबेरा, ग्लैडियोली, कारनेशन , चन्द्र मिल्लिका आदि।
कुछ फूल बीज लगाये जाते हैं, वहीं ज्यादातर फूल कंद द्वारा (ग्लैडियोली० कटिंग द्वारा (गेंदा, चद्र मल्लिका) , साइड सूट (कारनेशन) बडिंग द्वारा ( गुलाब लगाये जाते अहिं।
इनकी खपत रांची जैसे शहरों में करीब दो लाख रूपये प्रतिदिन है। अन्य शहरों में भी इनकी खपत बढ़ती जा रही है। साथ ही अच्छे ढंग से उगाने पर देश के अन्य हिस्सों या देश से बाहर निर्यात भी किया जा सकता है। किसान जिस फूल की खेती करें उसेक बारे में पूर्ण जानकरी बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के उद्यान विभाग से प्राप्त कर सकते हैं।
स्त्रोत: कृषि विभाग, झारखण्ड सरकार
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
इस भाग में अंतर्वर्ती फसलोत्पादन से दोगुना फायदा क...
इस पृष्ठ में 20वीं पशुधन गणना जिसमें देश के सभी रा...
इस पृष्ठ में केंद्रीय सरकार की उस योजना का उल्लेख ...
इस पृष्ठ में अगस्त माह के कृषि कार्य की जानकारी दी...