मशीन ट्रैक्टर स्टेशन योजना (टै्रक्टरों द्वारा मशीनी कार्य)
योजना
यह राज्य योजना है जिसके अंतर्गत कृषकों को कृषि कायों हेतु शासन द्वारा निर्धारित दर पर शासकीय टै्रक्टर व कृषि यंत्र उपलब्ध कराये जाते है। सभी कृषक इसका लाभ ले सकते हैं।यह प्रदेश के मध्यप्रदेश के 37 जिलों में प्रभावी है।
योजना का लाभ क्या है-
यंत्रदूत ग्रामों की स्थापना
प्रदेश में सामन्यतः अनुसूचित जाति/जनजाति तथा आर्थिक रूप से कमजोर कृषकों की बाहुल्यता वाले ग्राम चयनित किये जाते है। इन ग्रामों का माडल ग्राम के रूप में विकसित किया जाता है। इन्हें यंत्रदूत ग्राम के नाम से पहचाना जाता है।
पावर टिलर पर 25 प्रतिशत टॉपअप अनुदान
इसके अंतर्गत लघु एवं सीमांत वर्ग के हितग्राहियों को सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन के अंतर्गत देय अनुदान के अतिरिक्त राज्य शासन की ओर से 25 प्रतिशत या अधिकतम 25000/- की राशि दी जाती है।
इस योजना के अंतर्गत दो उप योजनाएं हैं-
योजना
कृषकों को अच्छी गुणवत्ता के कृषि यंत्र उपलब्ध कराना तथा कमजोर वर्ग के कृषकों हेतु कस्टम हायरिंग सुविधाओं का विस्तार करना।
कृषि यंत्र खरीदने पर क्या सहायता मिलती है -
शासन द्वारा विशेष कृषि क्रियाओं हेतु अथवा कृषकों की विशेष समस्याओं के निराकरण हेतु चिन्हित शक्ति चलित कृषि यंत्रों पर अन्य योजनाओं में उपलब्ध अनुदान के अतिरिक्त निम्नानुसार टॉपअप अनुदान दिया जाता है। रिज फरो अटेचमेंट पर वर्तमान में किसी अन्य योजना में अनुदान उपलब्ध नहीं है अतः इस परविशेष अनुदान देय होगा।
क्र. |
चिन्हित कृषि क्रियायें |
चिन्हित यंत्र |
1 |
सोयाबीन की बुवाई की रिज फरो पद्धति को प्रोत्साहन |
रिज-फरो अटैचमेंट (कृषकों के पास वर्तमान में उपलब्ध सीड ड्रिल/सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल हेतु) |
2 |
धान कटाई उपरांत गेहूँ की समय पर बुवाई |
जीरोटिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल |
3 |
फसलों की कतार में बुवाई |
सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल |
4 |
फसलों की एरोबिक खेत |
रेज्ड बेड प्लांटर |
5 |
गहरी जुताई कार्य |
रिवर्सिबल प्लाऊ, एम.बी. प्लाऊ, डिस्क प्लाऊ |
6 |
फसल कटाई कार्य |
रीपर कम बाइंडर |
7 |
नरवाई से भूसा प्राप्त करना |
स्ट्रा रीपर |
8 |
सघन कीट नियंत्रण |
एरोब्लास्ट स्प्रेयर |
कहां सम्पर्क करना होगा-
योजना का लाभ लेने के लिये विकासखण्ड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी या अपने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क करें।
कस्टम हायरिंग केन्द्र की स्थापना हेतु सहायता -
केन्द्र स्थापित करने के लिये टे्रक्टर एवं कृषि यंत्रों की लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम रू. 10 लाख तक का अनुदान दिया जाता है।
अ)निजी क्षेत्र में कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना इसके अतंर्गत 40 वर्ष की आयु तक के व्यक्ति केन्द्र की स्थापना कर सकेंगे। केन्द्र की स्थापना हेतु प्रकरण बनाकर बैंक से स्वीकृत कराया जाना होगा तथा अनुदान राशि भी बैंक के माध्यम से ही प्रदाय की जाएंगी।
ब) प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से ऋण प्राप्त कर कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित कर सकती हैं।
संबंधित जिले के निकटतम सहायक कृषि यंत्री से
स्त्रोत : किसान पोर्टल,भारत सरकार
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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